International Yoga Day 2020: वर्तमान थीम, इतिहास और महत्व - VISION

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Sunday, June 21, 2020

International Yoga Day 2020: वर्तमान थीम, इतिहास और महत्व

*International Yoga Day 2020: वर्तमान थीम, इतिहास और महत्व* 
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*International Yoga Day 2020:* पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2015 को दुनिया भर में मनाया गया था। भारत में इस दिवस को मनाने की पूरी जिम्मेदारी भारत सरकार के आयुष (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) मंत्रालय द्वारा की गयी थी। भारत में इंडिया गेट पर आयोजित 35 मिनट के इस कार्यक्रम में 21 आसनों को किया गया था जिसमे लगभग 35,985 लोगों सहित 84  देशों के गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया था ।इस घटना को गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया है। इस गिनीज पुरस्कार को आयुष मंत्रालय की ओर से श्रीपद येसो नाइक ने ग्रहण किया था।


इसकी सार्वभौमिक अपील को स्वीकार करते हुए, 11 दिसंबर 2014 को, संयुक्त राष्ट्र ने रेसोल्यूशन 69/131 के द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की स्थापना का मसौदा भारत द्वारा प्रस्तावित किया गया था और 175 देशों द्वारा इसका समर्थन किया गया था। प्रस्ताव को पहली बार प्रधानमंत्री श्नरी रेंद्र मोदी ने महासभा के 69 वें सत्र के उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में पेश किया था. संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा प्रस्तावित किसी भी मसौदा प्रस्ताव के लिए मिलने वाला सबसे बड़ा समर्थन था।

*संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा था कि…*

“योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह मन और शरीर की एकता, विचार और कार्रवाई, संयम और पूर्ति; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करने का सरल माध्यम है। इसकी मदद से न सिर्फ स्वास्थ्य तन बल्कि शांत मन को भी पाया जा सकता है ।योग की मदद से पूरी दुनिया में शांति और व्यवस्था स्थापित की जा सकती है।”

*अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 का थीम* 

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 का थीम है - Yoga for Health - Yoga at Home. COVID-19 महामारी के कारण इस साल का थीम *"Yoga for Health - Yoga at Home"* रखा गया है.

_- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2019 का थीम - Climate Action_

_- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 का थीम - Yoga for Peace_

_- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2017 का थीम - Yoga for Health_

_- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2016 का थीम - Connect the Youth_

_- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2015 का थीम  - Yoga for Harmony and Peace_

*योग का संक्षिप्त इतिहास*

ऐसा माना जाता है कि जब से सभ्‍यता शुरू हुई है तभी से योग किया जा रहा है। योग के विज्ञान की उत्‍पत्ति हजारों साल पहले हुई थी, पहले धर्मों या आस्‍था के जन्‍म लेने से काफी पहले हुई थी। योग विद्या में शिव को पहले योगी या आदि योगी तथा पहले गुरू या आदि गुरू के रूप में माना जाता है।

कई हजार वर्ष पहले, हिमालय में कांति सरोवर झील के तटों पर आदि योगी ने अपने प्रबुद्ध ज्ञान को अपने प्रसिद्ध सप्‍तऋषि को प्रदान किया था। सत्‍पऋषियों ने योग के इस ताकतवर विज्ञान को एशिया, मध्‍य पूर्व, उत्‍तरी अफ्रीका एवं दक्षिण अमरीका सहित विश्‍व के भिन्‍न - भिन्‍न भागों में पहुंचाया। रोचक बात यह है कि आधुनिक विद्वानों ने पूरी दुनिया में प्राचीन संस्‍कृतियों के बीच पाए गए घनिष्‍ठ समानांतर को नोट किया है। तथापि, भारत में ही योग ने अपनी सबसे पूर्ण अभिव्‍यक्ति प्राप्‍त की। अगस्‍त नामक सप्‍तऋषि, जिन्‍होंने पूरे भारतीय उप महाद्वीप का दौरा किया, यौगिक तरीके से जीवन जीने के इर्द-गिर्द इस संस्‍कृति को गढ़ा।

योग करते हुए पित्रों के साथ सिंधु - सरस्‍वती घाटी सभ्‍यता के अनेक जीवाश्‍म अवशेष एवं मुहरें भारत में योग की मौजूदगी का सुझाव देती हैं। देवी मां की मूर्तियों की मुहरें, लैंगिक प्रतीक तंत्र योग का सुझाव देते हैं। लोक परंपराओं, सिंधु घाटी सभ्‍यता, वैदिक एवं उपनिषद की विरासत, बौद्ध एवं जैन परंपराओं, दर्शनों, महाभारत एवं रामायण नामक महाकाव्‍यों, शैवों, वैष्‍णवों की आस्तिक परंपराओं एवं तांत्रिक परंपराओं में योग की मौजूदगी है।

पूर्व वैदिक काल (2700 ईसा पूर्व) में एवं इसके बाद पतंजलि काल तक योग की मौजूदगी के ऐतिहासिक साक्ष्‍य देखे गए। मुख्‍य स्रोत, जिनसे हम इस अवधि के दौरान योग की प्रथाओं तथा संबंधित साहित्‍य के बारे में सूचना प्राप्‍त करते हैं, वेदों (4), उपनिषदों (18), स्‍मृतियों, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, पाणिनी, महाकाव्‍यों (2) के उपदेशों, पुराणों (18) इत्यादि  में उपलब्‍ध हैं।

*21 जून को इस दिन के रूप क्यों चुना गया*

दिल्ली की एक छात्रा के एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं कि 21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए क्यों चुना गया। उन्होंने कहा, “आज मैं पहली बार इसका खुलासा करता हूं। सूर्य पृथ्वी पर ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। यह दिन हमारे भूभाग में सबसे बड़ा दिन होता है। हमें उस दिन सबसे ज्यादा ऊर्जा मिलती है। यही कारण है कि उस दिन का सुझाव दिया गया था।”